‘एकदिवसीय में अनुभव बहुत मायने नहीं रखता’

मुम्बई: हाल ही में आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी और वेस्टइंडीज तथा श्रीलंका के साथ हुई त्रिकोणीय शृंखला जीतने वाली भारतीय टीम जब अगले सप्ताह पांच एकदिवसीय मैच खेलने जिम्बाब्वे के लिए रवाना होगी, तो उसमें मौजूदा टीम की अपेक्षा काफी नए चेहरे होंगे।

पिछले त्रिकोणीय शृंखला के बीच में कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के चोटिल होने के बाद कार्यकारी कप्तान बनाए गए विराट कोहली को पूरे जिम्बाब्वे दौरे के लिए फिर से भारतीय टीम की कमान सौंपी गई है। कोहली हालांकि, भारत की अंडर-19 टीम की कप्तानी कर चुके हैं, तथा 2008 का अंडर-19 विश्वकप भी जितवा चुके हैं, लेकिन सीनियर टीम के कप्तान के रूप में उनके लिए यह श्रृंखला काफी चुनौतीपूर्ण होगी, क्योंकि उन्हें जिस टीम की कमान सौंपी गई है उसमें वर्तमान सर्वोच्च एकदिवसीय टीम के मुख्य गेंदबाजों में न तो भुवनेश्वर कुमार होंगे और न ही ईशांत शर्मा तथा न ही फिरकी गेंदबाज रविचंद्रन अश्विन।

इन सबके बावजूद कोहली ने यहां एक समारोह के दौरान अपनी युवा टीम के प्रति काफी भरोसा दिखाया। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि अनुभव की कमी कोई बहुत ज्यादा मायने रखती है, खासकर एकदिवसीय मैचों में।’’ कप्तानी की जिम्मेदारी और दबाव के बारे में कोहली ने कहा, ‘‘मैं नेतृत्व करना हमेशा से पसंद करता हूं, और अपने साथ खेल रहे लोगों के लिए मिसाल कायम करने की कोशिश करता हूं। मुझे जिम्मेदारी लेना अच्छा लगता है, तथा यह काबीलियत मुझमें प्राकृतिक रूप से विद्यमान है।’’

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